चैतà¥à¤° मास की पूरà¥à¤£à¤¿à¤®à¤¾ को हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जयंती परà¥à¤µ मनाया जाता है। इस बार ये परà¥à¤µ 11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤² मंगलवार को है। चूंकि मंगलवार को हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ का ही दिन माना जाता है इसलिठइस शà¥à¤ योग में यदि कà¥à¤› विशेष उपाय किठजाà¤à¤‚ तो आपकी हर परेशानी दूर हो सकती है। ये उपाय इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हैं-
à¤à¤¸à¥‡ चढाà¤à¤‚ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को चोला-
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जयंती (11 अपà¥à¤°à¥ˆà¤²) पर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को चोला चà¥à¤¾à¤à¤‚। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को चोला चà¥à¤¾à¤¨à¥‡ से पहले सà¥à¤µà¤¯à¤‚ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ कर शà¥à¤¦à¥à¤§ हो जाà¤à¤‚ और साफ वसà¥à¤¤à¥à¤° धारण करें। सिरà¥à¤« लाल रंग की धोती पहने तो और à¤à¥€ अचà¥à¤›à¤¾ रहेगा। चोला चà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठचमेली के तेल का उपयोग करें। साथ ही, चोला चà¥à¤¾à¤¤à¥‡ समय à¤à¤• दीपक हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ के सामने जला कर रख दें। दीपक में à¤à¥€ चमेली के तेल का ही उपयोग करें।
चोला चà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के बाद हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को गà¥à¤²à¤¾à¤¬ के फूल की माला पहनाà¤à¤‚ और केवड़े का इतà¥à¤° हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की मूरà¥à¤¤à¤¿ के दोनों कंधों पर थोड़ा-थोड़ा छिटक दें। अब à¤à¤• साबà¥à¤¤ पान का पतà¥à¤¤à¤¾ लें और इसके ऊपर थोड़ा गà¥à¥œ व चना रख कर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚। à¤à¥‹à¤— लगाने के बाद उसी सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ पर थोड़ी देर बैठकर तà¥à¤²à¤¸à¥€ की माला से नीचे लिखे मंतà¥à¤° का जप करें। कम से कम 5 माला जप अवशà¥à¤¯ करें।
मंतà¥à¤°- राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।
सहसà¥à¤¤à¥à¤° नाम ततà¥à¤¤à¥à¤¨à¥à¤¯à¤‚ राम नाम वरानने।
अब हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को चढाठगठगà¥à¤²à¤¾à¤¬ के फूल की माला से à¤à¤• फूल तोड़ कर, उसे à¤à¤• लाल कपड़े में लपेटकर अपने धन सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ यानी तिजोरी में रखें। इससे धन संबंधी समसà¥à¤¯à¤¾ हल होने के योग बनने लगेंगे।
करें बड़ के पेड़ का उपाय-
मंगलवार की सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ करने के बाद बड़ (बरगद) के पेड़ का à¤à¤• पतà¥à¤¤à¤¾ तोड़ें और इसे साफ सà¥à¤µà¤šà¥à¤› पानी से धो लें। अब इस पतà¥à¤¤à¥‡ को कà¥à¤› देर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ के सामने रखें और इसके बाद इस पर केसर से शà¥à¤°à¥€à¤°à¤¾à¤® लिखें। अब इस पतà¥à¤¤à¥‡ को अपने परà¥à¤¸ में रख लें। साल à¤à¤° आपका परà¥à¤¸ पैसों से à¤à¤°à¤¾ रहेगा। अगली होली पर इस पतà¥à¤¤à¥‡ को किसी नदी में पà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ कर दें और इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से à¤à¤• और पतà¥à¤¤à¤¾ अà¤à¤¿à¤®à¤‚तà¥à¤°à¤¿à¤¤ कर अपने परà¥à¤¸ में रख लें।
घर में सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करें पारद हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾-
अपने घर में पारद से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करें। पारद को रसराज कहा जाता है। पारद से बनी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ की पूजा करने से बिगड़े काम à¤à¥€ बन जाते हैं। पारद से निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ को घर में रखने से सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के वासà¥à¤¤à¥ दोष सà¥à¤µà¤¤: ही दूर हो जाते हैं, साथ ही घर का वातावरण à¤à¥€ शà¥à¤¦à¥à¤§ होता है। पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ इसकी पूजा करने से किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के तंतà¥à¤° का असर घर में नहीं होता और न ही साधक पर किसी तंतà¥à¤° कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ पड़ता है। यदि किसी को पितृदोष हो, तो उसे पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¤¿à¤¨ पारद हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ की पूजा करनी चाहिà¤à¥¤ इससे पितृदोष समापà¥à¤¤ हो जाता है।
शाम को जलाà¤à¤‚ दीपक-
हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ जयंती की शाम को समीप सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ किसी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर में जाà¤à¤‚ और हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤®à¤¾ के सामने à¤à¤• सरसों के तेल का व à¤à¤• शà¥à¤¦à¥à¤§ घी का दीपक जलाà¤à¤‚। इसके बाद वहीं बैठकर हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ चालीसा का पाठकरें। हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ की कृपा पाने का ये à¤à¤• अचूक उपाय है।
करें राम रकà¥à¤·à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ का पाठ-
सà¥à¤¬à¤¹ सà¥à¤¨à¤¾à¤¨ आदि करने के बाद किसी हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ मंदिर में जाà¤à¤‚ और राम रकà¥à¤·à¤¾ सà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤¤ का पाठकरें। इसके बाद हनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤œà¥€ को गà¥à¥œ और चने का à¤à¥‹à¤— लगाà¤à¤‚। जीवन में यदि कोई समसà¥à¤¯à¤¾ है, तो उसका निवारण करने के लिठपà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करें।
Dr. Kaajal Manglik