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Article on Vastu Shastra


वास्तु शास्त्र 


वास्तु में पुराने कैलेंडर लगाए रखना अच्छा नहीं माना गया है। यह प्रगति के अवसरों को कम करता है इसलिए पुराने कैलेंडर को हटा देना चाहिए और नए साल में नया कैलेंडर लगाना चाहिए जिससे नए साल में पुराने साल से भी ज्यादा शुभ अवसरों की प्राप्ति होती रहे। अगर सालभर अच्छे योग और फायदे चाहते हैं तो घर में कैलेंडर को वास्तु के अनुसार ही लगाएं।

वास्तु अनुरूप कहाँ लगाएं कैलेंडर
कैलेंडर उत्तर, पश्चिम या पूर्वी दिवार पर लगाना चाहिए। कैलेंडर हिंसक जानवरों, दुखी चेहरों की तस्वीरों वाला न हों। इस प्रकार की तस्वीरें घर में नेगटिव एनर्जी का संचार करती हैं। 

पूर्व में कैलेंडर लगाना बढ़ा सकता है प्रगति के अवसर
पूर्व दिशा के स्वामी सूर्य हैं, जो राज सत्ता के गृह हैं। इस दिशा में कैलेंडर रखना जीवन में प्रगति लाता है। लाल या गुलाबी रंग के कागज़ पर उगते सूरज, भगवान् आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर हो।

उत्तर दिशा में कैलेंडर सुख समृद्धि
उत्तर दिशा कुबेर की दिशा है। इस दिशा में हरियाली, फव्वारा, नदी, समुन्द्र, झरने, विवाह आदि की तस्वीरों वाला कैलेंडर लगाना चाहिए। कैलेंडर पर ग्रीन व् सफ़ेद रंग का उपयोग अधिक किया गया हो।

पश्चिम दिशा में कैलेंडर लगाने से बन सकते हैं रुके हुए कई कार्य
पश्चिम दिशा बहाव की दिशा है। इस दिशा में कैलेंडर लगाने से कार्यों में तेजी आती है। कार्य क्षमता भी बढ़ती है। पश्चिम दिशा का जो कोना उत्तर की ओर हो उस कोने की ओर कैलेंडर लगाना चाहिए। 

कैलेंडर की नहीं लगाना चाहिए घर की दक्षिण दिशा में
घड़ी ओर कैलेंडर दोनों ही समय के सूचक हैं। दक्षिण दिशा ठहराव की दिशा है। यहाँ समय सूचक वस्तुओं को न रखें। ये घर के सदस्यों की तरक्की के अवसर रोकता है। इससे घर के मुखिया के स्वस्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। 

मुख्य दरवाजे से नज़र आता कैलेंडर भी नहीं लगाएं
मुख्या दरवाजे के सामने कैलेंडर नहीं लगाना चाहिए। दरवाजे से गुजरने वाली ऊर्जा प्रभावित होती है। साथ ही तेज हवा चलने पर कैलेंडर हिलने से पेज उलट सकते हैं जो की अच्छा नहीं माना जाता है।

विशेष 
अगर कैलेंडर में संतों, महापुरुषों तथा भगवान् के श्रीचित्र लगे हों तो ये ओर अधिक पुण्यदायी और आनंददायी माना जाता है।

 

By Astro Dr. Kaajal Manglik
article published in Future Samachar Magazine, Year 21, No. 3, March, 2017, pg. 48