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Pitradosh


पितृदोष


जन्म कुंडली में दूसरे चौथे पांचवें सातवें नौवें दसवें भाव में सूर्य राहु या सूर्य शनि की युति स्थित हो तो यह पितृदोष माना जाता है. सूर्य यदि तुला राशि में स्थित होकर राहु या शनि के साथ युति करें तो अशुभ प्रभावों में और ज्यादा वृद्धि होती है। इन ग्रहों की युति जिस भाव में होगी उस भाव से संबंधित व्यक्ति को कष्ट और परेशानी अधिक होगी तथा हमेशा परेशानी बनी ही रहेगी। लग्नेश यदि छठे आठवें बारहवें भाव में हो और लग्न में राहु हो तो भी पितृदोष बनता है।

कुंडली देखते समय अक्सर ज्योतिषी कई लोगों को पितृदोष से पीड़ित बताते हैं, पर क्या आप जानते हैं आखिर ये पितृदोष होता क्या है। श्राद्ध कर्म के दौरान लोग अपने पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण, हवन और अन्न दान करते हैं।

पूर्वजों के प्रति श्रद्धा प्रकट करने का ये सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। बात अगर पितृदोष की करें तो व्यक्ति की कुंडली के नवम भाव को पूर्वजों का स्‍थान माना जाता है और नवग्रह में सूर्य स्‍पष्‍ट रूप से पूर्वजों के प्रतीक माने जाते हैं। जिस व्यक्ति की कुंडली में सूर्य बुरे ग्रहों के साथ विराजमान होते हैं या फिर सूर्य पर बुरे ग्रहों की दृष्टि पड़ रही होती है उस कुंडली में पितृदोष होता है।    

आइए जानते हैं किन लोगों की कुंडली में लगता है पितृदोष-

गरुड़ पुराण के अनुसार जिन परिवारों में लोग अपने पितरों की पूजा और श्राद्ध नहीं करते हैं, उन्‍हें पितृदोष लग जाता है।
पीपल के पेड़ पर पूर्वजों का वास माना जाता है। ऐसे में पीपल के पेड़ को काटने या फिर उसके नीचे अशुद्धि फैलाने से भी पितृदोष लगता है।
अगर पिता या माता की मृत्यु के बाद व्यक्ति दूसरे जीवित परिजन का अनादर करता है तो भी पितृदोष लगता है।

पितृदोष की ऐसे करें पहचान-
यदि व्यक्ति के घर में लगातार धन की कमी बनी रहती है तो उसकी कुंडली में पितृदोष हो सकता है। 
यदि घऱ के किसी व्यक्ति की शादी में बार-बार दिक्कतें आ रही हो तो भी उसकी कुंडली में पितृदोष हो सकता है। 
परिवार में हमेशा कलह का वातावरण बने रहना भी पितृदोष की तरफ इशारा करता है। 
यदि घर में हर समय कोई न कोई हमेशा बीमार बना रहता है तो भी घऱ में पितृ शांति के उपाय करने चाहिए।

बिना जन्मकुंडली के पितृदोष के लक्षण कैसे पहचानें?

  • सुबह के समय उठने के बाद परिवार में अचानक कलह क्लेश होता है।
  • विवाह की बात अक्सर बनते बनते बिगड़ जाती है।
  • आपको बार-बार यदि आपको चोट लगती है और दुर्घटनाओं के शिकार होते हैं।
  • घर मे मांगलिक कामों में विघ्न आता ही रहता है।

पितृ दोष के कारण क्या नुकसान देखने को मिलते हैं?

  • व्यक्ति को मानसिक परेशानी हमेशा लगी रहती है तथा पारिवारिक संतुलन नहीं बैठ पाता है
  • जीवन में बहुत ज्यादा पैसा कमाने के बाद भी घर में बरकत नहीं हो पाती है
  • स्वयं निर्णय लेने में बहुत परेशानी होती है तथा लोगों की सलाह अधिक लेनी पड़ती है
  • परीक्षाओं तथा साक्षात्कार में भी  असफलता मिलती है
  • यदि आप सरकारी या प्राइवेट नौकरी में है तो अपने उच्च अधिकारियों कि नाराजगी झेलनी पड़ती है
  • वंश वृद्धि नही हो पाती है संतान प्राप्ति में बहुत ज्यादा बाधाएं आती हैं।

पितृ दोष दूर करने के लिए करें ये उपाय-

  • यदि कोई व्यक्ति पितृ दोष से पीड़ित है तो इससे मुक्ति पाने के लिए उसे किसी भी अमावस्या, पूर्णिमा या पितृ पक्ष में श्राद्ध कर्म करना चाहिए। ऐसा करने से पितृ तृप्त होकर उस व्यक्ति को धन और सुखी जीवन का आशीर्वाद देते हैं।
  • इसके अलावा घर की महिलाएं रोजाना स्‍नान करने के बाद ही रसोई में भोजन बनाने के लिए जाएं। खाने की पहली रोटी गौ माता के लिए निकालकर उस पर गुड़ रखकर गाय को खिलाना चाहिए। 
  • इसके अलावा घर में पीने के पानी के स्‍थान को हमेशा साफ-सुथरा रखें। इसे पितरों का स्‍थान माना जाता है।

यदि आपकी कुंडली पितृ दोष से पीड़ित है तो आप ज्योतिष वाणी में डॉ काजल मांगलिक को कुंडली दिखाकर सलाह ले सकते हैं।